Thursday, 14 July 2011

दिल जो तुमने पहलू में छुपा के रखा है....

दिल जो तुमने पहलू में छुपा के रखा है
उसने ही तो दीवाना मुझे बना के रखा है

हमसे नज़र चुराने की कोई तो हो वज़ह
बोलो कहां पे हमसे नज़र बचा के रखा है

जाओ कहां हमसे नज़र बचा के जाओगे
हर राह पे हमने नज़र बिछा के रखा है

कह दो सनम आओ कभी अपना हालेदिल
अपने लबों पे ताला क्यों लगा के रखा है

अपने हर एक ख्वाब की तबीर तुमसे है
तुम्हारे लिये ख्वाब हर सजा के रखा है

धर्मेन्द्र मन्नू

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