दीपावली में दिल जलता है…
रौशनी की राह को तकती हैं निगाहें
मन का अन्धेरा मगर नही छटता है
दीपावली में दिल जलता है…
निराशा की आंधी आशाओं का दीया
कभी बुझता है कभी जलता है
दीपावली में दिल जलता है…
मन में मिलन की आस लिये
आंखों में इन्तज़ार पलता है
दीपावली में दिल जलता है…
धर्मेन्द्र मन्नु
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