आपकी नज़रों का जादू चल गया
बुझती आंखों में दीया सा जल गया
हम ग़मों की भींड में गुमनाम थे
एक इशारा हमको तन्हा कर गया
देखता हूं आपको देखूं जहां
सारा मंजर आप ही में ढल गया
आपकी परछाईयों के साये में
मौत भी अब ज़िन्दगी में ढल गया
DHARMENDRA MANNU
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