यवनिका और गगनिका
के बीच
एक छोटी सी जगह
सिमट जाती है जिसमे
सारी दुनिया
अमेरिका, रोम और
रसिया ।
समस्त सभ्यता
सारी संस्कृति
युद्ध और शान्ति
संदेश और क्रान्ति
सुख – दुख
आंसू – हंसी
और एक कलाकार की
सम्पूर्ण
संतुष्टि…………।
धर्मेन्द्र मन्नु
No comments:
Post a Comment