Sunday 17 June 2012

तुम्हारे जाने के बाद....


तुम्हारे जाने के बाद सोचुंगा मैं, जब ये दुनिया विरान हो जाएगी हवाओ मे तैरती खुशबू नही रहेगी चांद बदरुप हो जाएगा और चांदनी फ़िकी फ़िकी… पल सदियों में तब्दील हो जाएँगे … मगर मत कहो अभी कि एक ज़िन्दगी है इस हद से बाहर भी कहीं… अभी ये बातें मेरी समझ से परे है मैं सोचुंगा उसके बारे में तुम्हारे जाने के बाद मैं सोचुंगा मैने क्या खोया क्या पाया तुम्हारे साथ तुम्हारे जाने के बाद्… धर्मेन्द्र मन्नु