Saturday 5 October 2019

इश्क के गीत गाने दो...

काले लबादों को
जला दो
सूरजमुखी को सूरज
से मिला दो
कलियों को
खिलखिलाने दो
इश्क के गीत
गाने दो।
घरों में घुटता है
इश्क, ऐसे
रिश्तों के मकड़
जाल में
पिंजरे के पंछी के
पर खोलो परवाज़ दो
गुणसूत्रों के दोष को
मिटाने दो
कलियों को
खिलखिलाने दो
इश्क के
गीत गाने दो...

धर्मेंद्र मन्नु