Friday, 22 November 2019

समय

समय
किसके पास है…
सबके पास
बस वही है
दिन के
चौबीस घंटे…
सप्ताह के
सात दिन…
साल के
बारह महीने……
और कुछ
अनिश्चित से साल
ज़िन्दगी के…।

dharmendra mannu...

Saturday, 5 October 2019

इश्क के गीत गाने दो...

काले लबादों को
जला दो
सूरजमुखी को सूरज
से मिला दो
कलियों को
खिलखिलाने दो
इश्क के गीत
गाने दो।
घरों में घुटता है
इश्क, ऐसे
रिश्तों के मकड़
जाल में
पिंजरे के पंछी के
पर खोलो परवाज़ दो
गुणसूत्रों के दोष को
मिटाने दो
कलियों को
खिलखिलाने दो
इश्क के
गीत गाने दो...

धर्मेंद्र मन्नु

Saturday, 20 July 2019

तुम तोड़ोगे हम जोड़ेंगे

तुम तोड़ोगे हम जोड़ेंगे
तुम बांटोगे हम साटेंगे
तुम दलित दलित चिल्लाओगे
हम हिन्दू सिंधु गाएंगे
तुम राजनीति चमकाओगे
हम भारत देश बचाएंगे...

धर्मेंद्र मन्नु