Saturday 4 November 2017

उस की मोहब्बत का तो अंदाज़ जुदा था...

छे बीवियां पहले से थी छे प्यार था पाया।
मुमताज को देखा तो दिल फिर से धड़क आया।।

शौहर को मार कर के उसे बीवी बनाया।
तेईस बरस में चौदह बार प्रेग्नेंट कराया।।

चौदहवां बच्चा पैदा करते मर गई जब वो।
चुटकी में उस की बहन के संग ब्याह रचाया।।

उस की मोहब्बत का तो अंदाज़ जुदा था।
याद में उसकी था महल ताज बनाया।।

-धर्मेंद्र मन्नु

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