जंगलराज आने की आहट पर नतीजों से पहले....
कैसे मान लूं
जीत और हार
और उसका ज़िंदगी पर असर ....
मेरी हालत वैसी ही रहेगी
जैसी पहले थी!
वो स्कुल वो अस्पताल
वो खेत वो सड़क
वो गलियां वो नलियां
वो बंदूक वो गोलियां
कुछ भी तो वैसा नहीं...
सब एक जैसी होतीं
तो मैं मान लेता कि
कोई फर्क नहीं पड़ता
पर फर्क है
और जब ये फर्क है
तो घबराहट लाजिमी है,
डर लाजिमी है...
.....
धर्मेन्द्र 'मन्नु'
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