आज जबकि
मुम्बई की सडकें
मुम्बईकरों के खून से
भीगी हुई हैं
लोग जय महाराष्ट्र
का नारा भूलकर
वन्देमातरम चिल्ला रहे हैं,,,
राहूलराज का एनकाउन्टर करने वाले
शहीद हो गये हैं
महाराष्ट्र की तरफ़
आंख उठाने पर
आंखें निकलने वाले,
अपने पद से
इस्तिफ़ा दे गांव
लौट चुके हैं....
फिर भी मुझे डर लगता है...
डर लगता है
वन्दे मातरम कहते हुए
क्योंकि चंद दिनों के बाद
जब सडकों पे
बहता खून सूख जायेगा
और लोगों की यादों पे
वक्त की धूल
जम जाएगी
यहीं लोग फिर
निकल पडेंगे सडकों पर
डन्डे लेकर
बट जायेंगे कुनबों में
लगायेंगे नारे- जय महाराष्ट्र
......
धर्मेन्द्र मन्नु
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