उन्हें आप से
कोई मतलब नहीं
यदि आप के पास
उन्हें देने के लिए
कुछ नही...
आप का दिया हुआ
वो कभी नहीं लौटाएंगे
आप की सबसे विपरीत
परिस्थितियों में भी...
आप को देखेंगे और
आंखें फेर लेंगे वो
उन्हें आप की कोई
याद नहीं आएगी...
उसके बाद भी यदि
निभाना चाहेंगे रिश्ते
तो वो खाएंगे आप को
जैसे मरने के बाद
कीड़े खाते हैं लाश को...
वो ढूंढते फिरते हैं शिकार
दूसरा कोई आप जैसा
एक की कब्र खोद कर
आंखों में आँखे डाल कर
इस तरह मुस्कुराते हैं
मानो कह रहे हों
ये भी एक तरीका है जीने का...
.....
धर्मेन्द्र मन्नु
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